Braj Chaurasi Kos Me Lyrics | Bhakti Song 2024
Braj Chaurasi Kos Me Lyrics:- आपको इस ब्लॉग पोस्ट में “ब्रज चौरासी कोस मे” गाने के शब्दों का मतलब और अर्थ जानने को मिलेगा।
राधा
साध्यं
साधनं यस्य राधा
मंत्रो राधा मंत्र दत्री चि राधा
सर्वं राधा जीवनं यस्य राधा
राधा राधा वाचकं तस्य शेषं
बृज चौरासी कोस में
चार गाम निज धाम
बृज चौरासी कोस में
चार गाम निज धाम
वृंदावन अरु मधुपुरी
बरसाना नंद गाव श्री राधा
बरसाना आनंद गाव
राधा मेरी स्वामिनी
मैं राधे को दास
राधा मेरी स्वामिनी
मैं राधे को दास
जनम जनम मोहे दी जियो
श्री वृंदावन वास
श्री राधा श्री वृंदावन वास
वृंदावन सोवन नहीं
नंदी गाव सोग
वृंदावन सोवन नहीं
नंदी गाओ सोग
वंशी वट सो वट नहीं
कृष्ण नाम सो नाम श्री राधा
कृष्ण नाम सो नाम
वृंदावन के वृक्ष को
मरम न जाने कोई
वृंदावन के वृक्ष को
मरम न जाने कोई
दाल दाल अरु पात पात श्री
राधे राधे हो श्री राधा
राधे राधे होये
वृंदावन बाक बनो
भवर करे गुंजा
वृंदावन मणिक बनो
भवर करे गुंजा
दुल्हन प्यारी राधिका
दुल्हा नंद कुमार
श्री राधा
दुल्हा नंद कुमार
धन वृंदावन धाम है
धन वृंदावन नाम
धन वृंदावन धाम है
धन वृंदावन नाम
धनु वृंदावन रसिक जो
सुमिरे श्याम श्याम श्री राधा
सुमिरे श्याम श्याम
लाड लाडे श्री राधिका
मांगू गोद पासार
लाड लाडे श्री राधिका
मांगू गोद पासार
दीजियो स्वामिनी चरण राज
और वृंदावन वास श्री राधा
और वृंदावन वास
राधा राधा रत ताही
सब व्याधा मिट जाये
राधा राधा रतता ही
सब व्याधा मिट जाये
कोटि जन्म की आपदा
राधा नाम से जाये श्री राधा
राधा नाम से जाये
पात पात पर राधिका
कर्रकद पर घनश्याम
पात पात पर राधिका
कन कन पर घर श्याम
अंकित है जिस भूमि पर
श्री वृंदावन धाम
श्री राधा श्री वृंदावन धाम
मनमोहन की मोहिनी राधे जू का रास
मनमोहन की मोहिनी राधे जू का रास
नहीं मिलेंगे स्वर्ग में
है ये ब्रज के पास श्री राधा
है ये ब्रज के पास